राष्ट्र रक्षा वाहिनी के संरक्षक माननीय इंद्रेश कुमार जी हैं। उनका मार्गदर्शन संगठन के लिए पथ प्रदर्शक है और उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा इस संगठन की आधारशिला है। उन्हीं विचारों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र रक्षा वाहिनी अपनी सभी गतिविधियाँ संचालित करती है। उनके निर्देशों से संगठन को स्पष्ट दिशा और उद्देश्य प्राप्त होता है। राष्ट्र रक्षा, सेवा और सद्भाव का भाव इस संगठन की आत्मा है। माननीय इंद्रेश जी की प्रेरणा से राष्ट्र रक्षा वाहिनी संपूर्ण भारत में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
राष्ट्र रक्षा वाहिनी कोई पारंपरिक सामाजिक संगठन नहीं है, बल्कि यह भारत माता की सेवा में समर्पित एक राष्ट्रीय आंदोलन है, जिसकी प्रेरणा है – "राष्ट्र पहले, बाकी बाद में।"
इस संगठन की स्थापना श्री अभिजीत विशेन द्वारा इस उद्देश्य से की गई कि भारत की सुरक्षा, समरसता और आत्मनिर्भरता केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की भी जिम्मेदारी है।
यह संगठन देश के प्रत्येक क्षेत्र — जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी, अरुणाचल से कच्छ — तक अपनी राष्ट्रभक्ति की ज्योति लेकर पहुँचा है।
हमारे कार्य – देश के लिए, समाज के लिए, भारत के भविष्य के लिए
- राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता
राष्ट्र रक्षा वाहिनी जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर भारत को एकजुट करने का कार्य करती है।
संगठन का संदेश है: "पहचान एक ही हो — भारतवासी।"
भारत के विभाजित समाज को संगठित कर, राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव भरना।
- जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र निर्माण
22 से अधिक आतंक प्रभावित क्षेत्रों में संगठन ने संवाद, सेवा और विश्वास का कार्य किया।
युवाओं, महिलाओं, पूर्व उग्रवादियों और समाज के हर वर्ग से संवाद कर राष्ट्रवाद की अलख जगाई।
घाटी में “भारत मेरा घर है” की भावना को पुनः स्थापित किया।
- युवा सशक्तिकरण: देश का भविष्य तैयार करना
स्किल डेवलपमेंट, लीडरशिप ट्रेनिंग और रोजगार संवाद के ज़रिए भारत के युवाओं को राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा में जोड़ना।
राष्ट्र रक्षा शिविरों के माध्यम से नेतृत्व, अनुशासन और सेवा की भावना का विकास।
- महिला सुरक्षा और राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी
आत्मरक्षा प्रशिक्षण, महिला अधिकार जागरूकता, और राष्ट्रीय नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना।
सशक्त महिला = सुरक्षित राष्ट्र
- आपदा और सेवा कार्य: जहां ज़रूरत वहां राष्ट्र रक्षा वाहिनी
कोविड महामारी, बाढ़, भूकंप या अन्य संकटों में त्वरित राहत पहुंचाना।
राशन वितरण, रक्तदान, स्वास्थ्य कैंप जैसे कार्यों से मानवता की रक्षा = राष्ट्र की रक्षा।
- पर्यावरण सेवा: हर पौधा एक सिपाही
पिछले दो वर्षों में 8,63,000 से अधिक पौधों का देशभर में रोपण, जिससे जलवायु संरक्षण और हरित भारत की दिशा में योगदान।
"वृक्ष रक्षा = राष्ट्र रक्षा"
🛡 हमारी प्रेरणा: "देश रहेगा तभी हम रहेंगे"
राष्ट्र रक्षा वाहिनी मानती है कि भारत की रक्षा सिर्फ सीमा पर नहीं, गांव, शहर, जंगल, पर्वत – हर जगह से होती है।
हर भारतवासी जब राष्ट्र के लिए सोचता है, तभी सच्चा राष्ट्र निर्माण होता है।
✍ निष्कर्ष:
राष्ट्र रक्षा वाहिनी का हर कार्य भारत माता के चरणों में समर्पित है।
यह संगठन किसी धर्म, जाति या दल का नहीं — यह केवल भारत का है।
इसका हर सदस्य, हर प्रतिनिधि, हर कार्यकर्ता केवल एक ही बात सोचता है:
👉 "मैं भारत के लिए क्या कर सकता हूँ?"
जय हिन्द | जय भारत | जय राष्ट्र रक्षा वाहिनी
#देश_के_लिए #राष्ट्र_सर्वोपरि #भारतवासी_पहचान